आत्म-ज्ञान द्वारा स्वतंत्रता - "जीवन की पुस्तक" से जिद्दू कृष्णमूर्ति (शाकाहारी)द्वारा, दो भाग का भाग 12021-06-09ज्ञान की बातेंविवरणडाउनलोड Docxऔर पढो"जैसा कि आप संभवतः नम्रता विकसित नहीं कर सकते, जैसा कि आप संभवतः प्रेम विकसित नहीं कर सकते, तो सद्गुण भी विकसित नहीं किए जा सकते; और उसमें बड़ी सुंदरता है।"